Tuesday, 14 January 2014

अर्जुन सिंह की राहों के नए यात्री

 डा. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री

अर्जुन सिंह इस देश के पुराने राजनीतिज्ञों में से गिने जाते हैं । लंबे अरसे तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पंजाब में राज्यपाल ी रहे। केन्द्र सरकार में मंत्री रहने का उनका लंबा रिकार्ड हैऔर फिलहाल अी वे केन्द्र में मानव संसाधन मंत्री है। उनकी उम्र कितनी है? इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन टेलीविजन पर उनकी हालत और चाल ढाल और चेहरे की रंगत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अब उम्र दराज है। कई बार कार्यक्रमों में उनको उठाकर लाया जाता हैऔर वहां बैठाकर ाषण करवाया जाता है। ऐसा ी सुनने में आया है कि किसी कार्यक्रम में वे निरंतर लगातार बैठ नहीं सकते क्योंकि हाजत की समस्या खड़ी हो जाती है। आम तौर पर ऐसे व्यक्ति को देखकर या तो दया उत्पन्न होती हैया फिर श्रद्धा का अतिरेक। अर्जुन सिंह के मामले में क्या है यह कहना बड़ा मुश्किल काम है। क्योंकि उनकी राजनीति विवादों से परे नहीं रही ।

उनको इस देश के मुसलमानों की चिंता सताती रहती है। ठीक से नींद आ पाती है या नहीं यह कहना मुश्किल है। लेकिन डाक्टर ऐसा कहते हैं कि जो लोग इन प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त होते हैं नींद और खाना पीना उनके लिए दोयम दर्जे का हो जाता है। अर्जुन सिंह का मानना है कि यदि इस देश में किसी के साथ सबसे ज्यादा अन्याय हो रहा है तो वे मुसलमान ही हैं उन्हें प्रताडि़त ही नहीं किया जा रहा बल्कि नागरिक के नाते मिलने वाले अधिकारों से ी वंचित रखा जा रहा है। नौकरियाँ उनको नहीं दी जा रही। स्कूलों, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में उन्हें घुसने नहीं दिया जा रहाऔर यहां की कमबख्त पुलिस है कि उन्हें झूठी मुठेड़ों में मार गिरा रही है। अब तो पुलिस तक का छोडिए सेना तक का यह आलम हैकि कश्मीर में और अन्यत्र मुसलमानों को किसी न किसी बहाने मार रही है।  इधर कुछ राज्य सरकारों की हिम्मत देखिए उन्होंने धर्म परिवर्तन पर ही प्रतिबंध लगा दिया है। अर्जुन सिंह सब जानते है कि यह सब कुछ मुसलमानों को तंग करने के लिए किया जा रहा है। यहां तक कि कुछ न्यायालयों ने तलाक और विवाह जैसे मसलों पर मुसलमानों के केस ी सुनने शुरू कर दिए हैंऔर उन पर निर्णय ी ारत में लागू कानूनों के अनुसार ही करना शुरू कर दिया है। अर्जुन सिंह बखूबी जानते है कि यह मुसलमानों के व्यक्तिगत अधिकारों में क्रूर हस्ताक्षेप के सिवा कुछ नहीं है। इसलिए पिछले लंबे अरसे से प्रयास करते आ रहे हैंकि मुसलमानों को सरकारी नौकरियों मे ंआरक्षण दिया जाए। पुलिस और सेना में ी उनकी तगड़ी र्ती की जाए शिक्षा संस्थानों में उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाए। अर्जुन सिंह ने अपने बल पर जितना हो सका उससे कहीं ज्यादा मुसलमानों के लिए किया। इस विषय पर ारतीयों का विरोध अर्जुन सिंह के ठेंगे पर । अलीगढ़ मुस्लिम केन्द्रीय विश्वविद्यालय उन्होंने पूरे का पूरा मुसलमानों को उपहार में दे दिया । मुसलमानों के लिए अर्जुन सिंह की प्रतिबद्धता इतनी ज्यादा हैकि जब कांग्रेस सरकार अयोध्या में बाबरी ढांचा नही बचा सकी तो उन्होंने उस कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया जिसमें उनका जन्म और लालन-पालन हुआ था। अर्जुन सिंह की प्रतिबद्धता अत्यंत स्पष्ट है। यदि की ऐसी नौबत आ जाए कि उन्हें कांग्रेस और मुसलमानों में एक को चुनना होगा तो वे यकीनन मुसलमानों को चुनेंगे। अलबŸाा बाद में जब कांग्रेस ने ही मुसलमानों को चुन लिया तो अर्जुन सिंह वापिस कांग्रेस में आए।

अब उम्र की इस चैथ में अर्जुन सिंह को अपने किए का ईनाम मिला है। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अर्जुन सिंह के नाम पर अपने एक वन का नाम कर दिया है। उसके बाहर अर्जुन सिंह की आदम कद मूर्ति या नहीं लगेगी इसके कयास ही लगाए जा सकते हैं। जो वन और विाग अर्जुन सिंह के नाम पर चलाया जाएगा वह पत्राचार पाठ्यक्रम से शिक्षा प्रदान करेगा। अी यह स्पष्ट नहीं हैकि यह विाग सऊदी अरब में ी अपने केन्द्र खोलेगा। हो सकता है पाकिस्तान सरकार ही विश्वविद्यालय से निवेदन करे कि अर्जुन सिंह के विाग की एक शाखा इस्लामाबाद में ी खोली जाए। क्योंकि कहा जाता है कि अर्जुन सिंह पाकिस्तानियों में बहुत लोकप्रिय होते जा रहे हैं। जामिया मिलिया ी यहीं रूका नहीं। उसने एक सड़क का नाम अर्जुन सिंह मार्ग कर दिया है। जामिया मिलिया का संदेश स्पष्ट हैकि इस देश को अर्जुन सिंह के मार्ग पर चलना होगा। अर्जुन सिंह का मार्ग एक नया पाकिस्तान बनाने की ओर जाता है। की कांग्रेस जिन्ना को कंधे पर उठाए घूमती थी और अंततः जिन्ना पाकिस्तान लेकर ही माने। अब कांग्रेस ने अर्जुन सिंह को कंधे पर उठाया हुआ है और जामिया मिलिया उसे महिमा मंडित कर रहा है। इसके पीछे क्या केवल छुटैये हैं या और कोई अ॰श्य शक्तियाँ?

(हिन्दुस्थान समाचार)

No comments:

Post a Comment